Friday, February 24, 2012

है नीको मेरो देवता कोसलपति राम ..




11 February 2012

राग बिहाग

है नीको मेरो देवता कोसलपति राम ।
सुभग सरोरुह लोचन, सुठि सुंदर स्याम ॥ १

सिय-समेत सोहत सदा छबि अमित अनंग ।
भुज बिसाल सर धनु धरे, कटि चारु निषंग ॥ २

बलिपूजा चाहत नहीँ, चाहत एक प्रीति ।
सुमिरत ही मानै भलो, पावन सब रीति ॥ ३

देहि सकल सुख, दुख दहै, आरत जन-बंधु ।
गुन गहि, अघ-औगुन हरै, अस करुनासिंधु ॥ ४

देस-काल-पूरन सदा बद बेद पुरान ।
सबको प्रभु, सबमेँ बसै, सबकी गति जान ॥ ५

को करि कोटिक कामना, पूजै बहु देव ।
तुलसिदास तेहि सेइये, संकर जेहि सेव ॥ ६

No comments:

Post a Comment