विनय-पत्रिका (गोस्वामी तुलसीदास)
गोस्वामी तुलसीदास रचित विनय-पत्रिका के पदों को संजोने हेतु एक प्रयास !
Wednesday, December 14, 2011
कलि नाम कामतरु रामको ।
कलि नाम कामतरु रामको ।
दलनिहार दारिद दुकाल दुख, दोष घोर घन घामको ॥ १
नाम लेत दाहिनो होत मन, बाम बिधाता बामको ।
कहत मुनीस महेत महातम, उलटे सूधे नामको ॥ २
भलो लोक-परलोक तासु जाके बल ललित-ललामको ।
तुलसी जग जानियत नामते सोच न कूच मुकामको ॥ ३
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